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राना भाषा

नयाँ साल

वसन्त आऔ हिमाल पहाड तराईमे
फरफर पत्ता हालथै हाबासे रूखामे
इते उते लोग बैएर सब खुशीसे नाचथै
सबै मिलके खुशीसे नयाँ साल मनाथै

माघि और मेला मानथै होरी नाच गाइके
दिदी बहिनीया ददाभैया एकठिन आइके
शान्तिको सन्देश फैलामै अब सबै मिलके
अग्गु बडै राना थारू सबै भेदभाव भुलके

मै शहर मे घुमथौ (थारू भाषाको गजल)

सफर मैं हौ एक सफर मोए में फिर है
मैं शहर में घूम थौ, शहर मोए में फिर है

मिर टूटो घर हंसके मत देख मीर नसीब
मैंअभै टूटो नाहौ, एकघर मोए में फिर है

खूबै वाकिफ हौ दुनिया कि हकीकत से
शख्स हर घेन से बेखबर मोए में फिर है