जाड सँ बचबाक लेल लुंगी पहिर घुर तर बैसल छी,
हावा बहिते धूवाँके आज्ञापालक बनि जाइत छी,
तईं कहियो पूरब त कहियो पश्चिम दिसि माथ घुमा लइत छी,
पछिया बहिते लुंगीके ओढना सेहो बना लइत छी ।
सियौऊवा डाढिबाला फाँटल पैन्ट डाँढमें लटकौने छी,
कोठारी पहिरब आशमें झालरबाला सैन्डो पहिरने छी,
सिट–सिट हावा बहिते थर–थर कपैत छी,
कखनों लुंगीके ओढना सेहो बना लइत छी ।।
धुआ धोती लगबैवाला सब हिटर तपैत देखने छी,
कर्सीबाला घुरक बात सेहो ओ सब करैत सुनने छी,
मुदा धोतीके ओढना बनाओल नहि देखने छी,
पूर्वा बहिते लुंगीके ओढना बना लइत छी ।।।
लुंगीके गाँति बन्हने बौआबुच्चीके देखने छी,
ओहिमें बनाओल खोइछामे चुरा–सख्खर सेहो देखने छी,
ब्रासलेट धोतीबला सबके ओ आनन्द लइत नहि देखने छी,
मुदा लुंगीके कहियौ गाँती, कहियौ ओढना बना लइत छी ।।।।